श्रीराम नवमी का उत्सव मनाने से मंगल होता है । श्रीराम नवमी का उत्सव
मनाने से अमंगल का नाश होता है । इसलिए श्रीराम नवमी का उत्सव सभी को मनाना चाहिए ।
और ऐसा मनाना चाहिए कि लगे कि आज कोई उत्सव है ।
मंगल भवन और अमंगल का हरण करने वाले भगवान श्रीराम का जन्म महोत्सव मनाने
से घर-परिवार में सबका कल्याण होता है । अविनाशी भगवान श्रीराम का जन्म महोत्सव
मना लेने से घर-परिवार में और किसी के जन्मदिन मनाने की कोई जरूरत नहीं रह जाती ।
और श्रीराम जन्म महोत्सव मनाये बिना
घर-परिवार के लोगों का जन्म दिन मनाने का कोई मतलब नहीं रहता ।
आज तीनों लोकों में और चौदहों
भुवनों में भगवान श्रीराम के जन्म का उत्सव श्रीरामनवमी महामहोत्सव मनाया जाता है ।
आज के दिन श्रीयोध्या जी में बड़े-बड़े देवता, सिद्ध, मुनि और तपस्वी आदि भी अपना
रूप बदलकर आते हैं और भगवान श्रीराम का दर्शन करके, सेवा करके अपने को धन्य करते
हैं- असुर, नाग, खग नर मुनि देवा । आइ करहिं रघुनायक सेवा ।।
आज के दिन जो लोग रख सकें उन्हें पूरे दिन व्रत रखना चाहिए । जप और पूजा
करना चाहिए । घर में वंदनवार लगाना चाहिए । घर के पूजा स्थल को सजाना चाहिए ।
पुष्प माला, इत्र, चन्दन, धूप, घी के दीप और नैवेद्य आदि भगवान को अर्पण करना
चाहिए । जितना और जैसा हो सके उतना करते हुए प्रसन्नतापूर्वक श्रीराम जन्म महोत्सव
मनाना चाहिए । जितना घर के किसी सदस्य का जन्म दिन मनाने के लिए लोग करते हैं उससे
कहीं अधिक आज करना चाहिए ।
प्रेमपूर्वक श्रीराम जन्म महामहोत्सव मनाना चाहिए । आज के दिन व्रह्माजी,
शंकरजी, नारदजी, और सनकादिक ऋषि भी श्रीराम जन्म महोत्सव मनाकर अपने को धन्य करते
हैं-
राम नवमी की महिमा न्यारी सुर नर मुनि सब गाइ रहे ।
सुक सनकादिक व्रह्मा आदिक जीवन सफल बनाय रहे ।।
सुर नर मुनि खग नाग असुर अरु तीर्थ अयोध्या आइ रहे ।
विविध रूप धरि दर्शन पूजन सरजू मुदित नहाय रहे ।।
दीनदयाल भगत आरतिहर गुनगन सकल लुभाय रहे ।
दीन संतोष आज को उत्सव चौदह भुवन मनाय रहे ।।
।। श्रीरामनवमी महामहोत्सव की जय ।।
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