सनातन धर्म में देवता और भगवान अस्त्र-शस्त्र धारण करते हैं ।
कई देवी-देवता और भगवान कोदण्ड धारण करते हैं । भगवान विष्णु, भगवान राम और भगवान
कृष्ण कोदण्ड धारण करते हैं । देवाधिदेव महादेव भी कोदण्ड धारण करते हैं ।
एक बार भगवान
श्रीराम ने कोदण्ड तोड़ दिया था । और कोदण्ड तोड़ने के फलस्वरूप ही रामजी का सीताजी
के साथ विवाह हुआ था । जिस कोदण्ड को बड़े-बड़े भूपति-भट हिला भी नहीं सके थे राम जी
ने उसे सीता स्वयंवर में जनकपुर में तोड़ दिया था ।
कई लोग आजकल ऐसा समझते
हैं, कई कहते हैं और कई लोग सोशल मीडिया आदि के जरिये प्रचारित करते हैं कि भगवान
श्रीराम के धनुष का नाम कोदण्ड है और भगवान श्रीकृष्ण के धनुष का नाम शारंग है ।
जो कि गलत है । अज्ञानता बस ऐसा कहा, समझा और प्रचारित किया जाता है ।
भगवान श्रीराम, भगवान
श्रीविष्णु और भगवान श्रीकृष्ण सभी शारंग धारण करते हैं । शारंग भगवान का सनातन
धनुष है । यह सभी को जानना और समझना बहुत जरूरी है ।
कहीं-कहीं जो कोदण्ड
धारी राम का वर्णन मिलता है इसका मतलब धनुष धारी राम है । कोदण्ड राम का मतलब
धनुषधारी राम ही होता है । कोदण्ड और धनुष एक दूसरे के पर्यायवाची हैं । इसका
प्रमाण निम्नवत है-
हर कोई जानता है कि राम जी ने शिव
धनुष को तोड़कर सीताजी से व्याह किया था । गोस्वामी तुलसीदास जी श्रीरामचरितमानस जी
में कहते हैं कि- ‘हर कोदण्ड कठिन जेहि भंजा’ अर्थात जिन्होंने शिव जी के
कठोर धनुष का भंजन किया है । इस प्रकार कोदण्ड का मतलब कोदण्ड धनुष नहीं
बल्कि धनुष ही होता है । यह वर्णन श्रीरामचरितमानस जी में अनेक बार मिलता है कि
कोदण्ड का मतलब धनुष होता है । रामजी शारंग धारण करते हैं- ‘कटि तूण शर शक्ति सारंगधारी-
श्रीविनय पत्रिका ।
कटितट परिकर कस्यो निषंगा । कर कोदण्ड
कठिन सारंगा ।।
कर सारंग साजि कटि भाथा । अरि दल दलन
चले रघुनाथा ।।
- श्रीरामचरितमानस ।।
।। जय श्रीराम ।।
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