श्रीराम नवमी को सभी को व्रत रखना चाहिए । श्रीराम नवमी को व्रत रखकर आगले दिन अर्थात दशमी को पारण करना चाहिए । श्रीराम नवमी के दिन व्रत रखने की बड़ी महिमा है । श्रीराम नवमी का बड़ा महत्व है । श्रीराम नवमी को उपवास और जागरण विशेष रूप से करना चाहिए-
राम एव परब्रह्म तदिद्नं रामतोषकम् ।
उपोषणं जागरणं तस्माद् कुर्याद् विशेषतः ।।
श्रीराम नवमी को व्रत जरूर रखना चाहिए । इस दिन भोजन नहीं करना चाहिए । ऐसा श्रीशंकरजी ने माता पार्वतीजी को श्रीराम नवमी की महिमा बताते हुए कहा है कि जो मूर्ख मोह में पड़कर इस दिन भोजन करता है वह कुम्भीपाक आदि घोर नरको में पकाया जाता है । इसमें कोई संदेह नहीं है-
यस्तु रामनवम्यां तु भुक्ते मोहाद् विमूढ़धीः ।
कुम्भीपाकेषु घोरेषु पच्यते नात्र संशयः ।।
श्रीअध्यात्म रामायण आदि ग्रंथों में इस व्रत की महिमा गाई गई है । महर्षि व्यास जी ने श्रीराम नवमी की बड़ी महिमा बताई है । स्वयं व्रह्माजी ने नारद से श्रीराम नवमी व्रत की महिमा कही है ।
लेकिन अधिकांश लोगों
को पता ही नहीं होता कि श्रीराम नवमी को भी व्रत रखना चाहिए । कई लोग तो ऐसे हैं
जिन्होंने कभी सुना ही नहीं की श्रीराम नवमी को व्रत रखना चाहिए । उन्हें इस दिन
व्रत रखने के लिए कभी किसी ने कहा ही नहीं, बताया ही नहीं । किसी ने जागरूक नहीं
किया । इसलिए जानकारी के अभाव में कई लोग श्रीराम नवमी को व्रत नहीं रख पाते हैं ।
जो लोग नवों दिन
नवरात्र का व्रत रखते है । वे श्रीराम नवमी को व्रत रखते ही हैं क्योंकि श्रीराम
नवमी चैत्र मास वाले नवरात्र की नवमी को ही मनाई जाती है । लेकिन इन लोगों को भी इस बात की भावना करनी
पड़ेगी की आज श्रीराम नवमी है और मैं श्रीराम नवमी का भी व्रत हूँ । और भगवान से
ऐसी प्रार्थना भी कर लेनी चाहिए ।
कुछ लोग नवरात्र में परिवा और अष्टमी का तो कुछ लोग द्वितीया
और अष्टमी को व्रत रखते हैं । ऐसे लोगों को नवमी को भी व्रत करना पड़ेगा । तब
उन्हें श्रीराम नवमी के व्रत का फल मिलेगा ।
जो लोग नवरात्र का
नवों दिन का अथवा दो दिन का भी व्रत नहीं रखते उन्हें भी श्रीराम नवमी को व्रत
रखना चाहिए । कुल मिलाकर सबको श्रीराम नवमी को व्रत रखना चाहिए और दशमी के दिन
पारण करना चाहिए ।
श्रीराम नवमी को व्रत
रखकर रात्रि में रात्रि जागरण करने को वेद व्यासजी ने, शंकरजी ने और व्रह्माजी ने बहुत उत्तम तथा लाभकारी बताया है ।
भगवान श्रीराम,
श्रीअयोध्याजी, श्रीसरयूजी और श्रीराम नवमी की और श्रीरामनवमी व्रत की महिमा
ग्रंथों में गाई गई है । बड़ी महिमा बताई गई है । इसलिए सभी को श्रीराम नवमी को
व्रत अवश्य रखना चाहिए और श्रीराम नवमी महामहोत्सव को मनाना चाहिए-
पूछत रिषिहिं अजोध्या को पति, कहियै
जनम गुसाईँ ।
भौम वार नवमी तिथि नीकी चौदह भुवन
बड़ाई ।।
चारि पुत्र दशरथ के उपजे, तिहूँ लोक
ठकुराई ।
सदा-सर्वदा राज राम कौ, सूर दादि तँह
पाई ।।
- श्रीसूरदासजी- सूरसागर ।
।। श्रीराम नवमी की जय ।।
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