भारत के गुजरात राज्य के बोटाद नामक जनपद में सारंगपुर नामक स्थान है
। जिसे सालंगपुर भी कहा जाता है । यहाँ पर हनुमानजी महाराज ‘श्रीकष्टभंजन देव हनुमानजी’ के
रूप में बिराजते है । यहाँ पर दूर-दूर से लोग श्रीकष्टभंजन देव के दर्शन और कष्ट से
मुक्ति पाने के लिए आते हैं ।
यहाँ पहुँचना बहुत आसान है । अहमदबाद से लगभग १७५ किलोमीटर की दूरी पर अहमदाबाद-भावनगर मार्ग पर सारंगपुर स्थित है । बोटाद से यह स्थान लगभग १५ किमी दूर है । बोटाद से सारंगपुर रात्रि में जाने पर रास्ता थोड़ा सुनसान पड़ता है ।
अहमदाबाद से बस द्वारा तीन-चार घंटे में सारंगपुर पहुँचा जा सकता है । मंदिर के गेट पर ही बस दर्शनार्थियों को उतार देती है ।
मंदिर कम्पाउंड के भीतर मंदिर के पास ही रहने-ठहरने के लिए उचित व्यवस्था है । एसी और नॉन एसी रूम उपलब्ध हैं । एक बहुत बड़ी भोजनशाला भी है । जहाँ सबको फ्री भोजन मिलता है । एक साथ कई सौ लोग भोजन करते हैं ।
मंदिर प्रांगण में एक अच्छी कैंटीन भी है । जहाँ पेमेंट करके भोजन आदि प्राप्त किया जा सकता है ।
मंदिर प्रागंण बड़ा विस्तृत और सुंदर है । यहाँ का वातावरण दिव्य और शांत है । श्रीकष्टभंजन देव का दिव्य मंदिर दर्शनीय है । श्रीकष्टभंजन देव का दर्शन करके सुख प्राप्त होता है । सुबह की आरती का दर्शन भी करना चाहिए । मंगलवार और शनिवार को भीड़ अधिक होती है । बाकी दिनों में भी अनेकों लोग रोज दर्शन के लिए आते हैं-
जय जय जय कष्टभंजन हनुमान ।
क्रूर ग्रह भूतादि नियंता समरथ कृपानिधान ।।१।।
रामदूत सुंदर सब लायक महाबीर बलवान ।
हरि हर विधि सुनि गुन सुख पावत राम प्रेम धनवान ।।२।।
महिमा अमित पार कोउ पावै सकै न कोई जान ।
चारों युग प्रगट जश जागै तिहुँ पुर होत बखान ।।३।।
अंजना सुवन केसरीनंदन देत विमल मति ज्ञान ।
दुर्जन को जिमि काल कहावत राखत जन मन आन ।।४।।
दिन प्रति लोग दरश हित आवत मन महुँ लिए अरमान ।
रोग दोष दुख सोच मिटावत जन हित परम सुजान ।
राम चरण अविरल रति दायक भवसागर जलजान ।
दीन संतोष पवनसुत रीझे रीझत श्रीभगवान ।।६।।
।। कष्टभंजन देव की जय ।।
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